अमीरा शाह की सफलता की कहानी (Success Story of Ameera Shah): पहली भारतीय अंतरराष्ट्रीय पैथोलॉजी लैब नाम मेट्रोपोलिस को अपनी सोच, कठिन मेहनत और ईमानदारी से सफलता तक पहुंचाने के पीछे अमीरा शाह भला कौन नहीं पहचानता। अपने इस बिजनेस को सफलता के शिखर पर पहुंचाने के पीछे अमीरा शाह की कहानी अपने आप में अलग है।
अमीरा शाह ने अपने पिता की एक छोटी सी लैब को आज एक कमरे से दुनिया में 7 देशों की 171 लैब्स तक में पहुंचा दिया है। अमेरिका की टेक्सास यूनिवर्सिटी से फाइनेंस में ग्रेजुएशन करने वाली अमीरा शाह के दोनों पैरेंट्स ही पेशे से डॉक्टर हैं और उनके पिता डॉ. सुशील शाह अपने नाम से एक पैथोलॉजी लैब चलाते थे।
बांग्लादेश ग्रामीण बैंक के फाउंडर और नोबेल पुरसकार विजेता मुहम्मद यूनुस से प्रेरणा लेकर Ameera Shah भारत लौटने के बाद अपने पिता के लैब को आगे बढ़ाने की सोची। आज उनका लक्ष्य पैथोलॉजी लैब्स की देश भर में एक श्रृंखला तैयार करना है। जिसकी बदौलत आज मेट्रोपोलिस करीब 9 हजार करोड़ रुपये की लिस्टेड कंपनी है।
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अमीरा की सफलता का रहस्य
Ameera Shah ने बताया कि किसी भी नए लैब के लिए शुरुआत में ग्राहकों का भरोसा जीतना बहुत ही चुनौती भरा काम होता था। इसलिए हमने शुरुआत में एक मजबूत मेडिकल टीम तैयार की। परन्तु हमारी सेल्स, मार्केटिंग और परचेजिंग टीम कमजोर निकली तो इस कमी को भी सुधारने का प्रयास किया।
हमें परेशानियों का सामना इसलिए भी करना पड़ा, क्योंकि हमारे साथ जुड़े लोग मेडिकल बैकग्राउंड से थे, जो बिजनेस की दृष्टि से कम सोचते थे। लिहाज़ा उन्हें धीरे-धीरे बिजनेस के दृष्टिकोण से सोचने के लिए प्रेरित किया जिस से हमारा बिजनेस और ग्राहकों का भरोसा तेजी से बढ़ा।
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कम तनख्वाह पर किया काम
Ameera Shah ने शुरुआत में अपने फादर के साथ मिल कर कुल ढाई करोड़ रुपये की जमा पूंजी से लैब चैन मेट्रोपोलिस की शुरुआत की। बिज़नेस की शुरुआत में जितना भी लाभ हुआ उसे वापस बिज़नेस के विस्तार में लगाया।
अमीरा शाह ने बताया की शुरुआत में वो और उनके पिताजी डॉ. शाह ने कंपनी से केवल वेतन ही लिया, उसके अलावा कुछ भी नहीं लिया। स्टार्टिंग से लेकर 2021 तक बिज़नेस से हुए लाभ को किसी दूसरे कार्यों के लिए उपयोग में नहीं लिया।
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कर्ज हमारी जिम्मेदारी है
अमीरा शाह ने बताया कि यदि आप अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए दूसरों से पैसे क़र्ज़ के तौर पर लेते हैं। यह क़र्ज़ आपकी संपत्ति नहीं बल्कि आपका एक दायित्व होता है। इस क़र्ज़ को आप अच्छे रिटर्न के साथ वापस कर बिज़नेस को नयी उचाई पर पंहुचा सकते हो। क्योकि इस से इंवेस्टरर्स का आप पर भरोसा बढ़ जाता है।
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जरूरत के अनुसार ही उठाएं पैसा
Ameera Shah ने नए उद्यमियों को सलाह दी कि उन्हें जरूरत के हिसाब से ही पैसा कर्ज के रूप में उठाना चाहिए, क्योकि बड़ा क़र्ज़ उठाने के बाद प्रेशर बढ़ जाता है। धीरे-धीरे फंड को बढ़ाना चाहिए, अपने बिज़नेस मॉडल और ग्रोथ पर फोकस करना चाइये। यदि आपको ग्रोथ और बिज़नेस मॉडल सही है तो आप में और आपके बिज़नेस में इन्वेस्टर्स जरूर दिलचस्पी दिखाएंगे।
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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों एवं मान्यताओं पर आधारित हैं। लेडीज होम इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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